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मॉनसून में रहें सावधान, मच्छरों से होने वाले रोगों की संभावना बढ़ी

 

मॉनसून में रहें सावधान, मच्छरों से होने वाले रोगों की संभावना बढ़ी  

ठंड व बुखार मलेरिया के लक्षण, लक्षण पहचान कर इलाज जरूरी 

लक्षणों के नजरअंदाज और इलाज में देरी से रोगी की जान को खतरा 

स्वास्थ्य विभाग लोगों को कर रहा मच्छर जनित रोगों के बारे में जागरूक 


Agrasar News:

गया, 6 जूलाई| मौसम में बदलाव होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है|. कोविड काल में मलेरिया व डेंगू से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों को मच्छर जनित रोगों के बारे में जागरूक कर रहा है| जगह जगह पर पोस्टर व होर्डिंग्स के माध्यम से मच्छर जनित रोगों की रोकथाम व मलेरिया व डेंगू जैसे रोगों के लक्षण की जानकारी दी जा रही है| मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिए अपनाये जाने वाले विभिन्न उपायों जैसे फॉगिंग आदि के साथ मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित  किया जा रहा है| 


लक्षणों की पहचान कर इलाज जरूरी: 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक ने बताया लोगों को मलेरिया या मच्छरों से होने वाले दूसरी बीमारियों से बचने की जानकारी दी जा रही है| मलेरिया की जांच एवं उपचार की सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है| उन्होंने बताया मलेरिया होने के विभिन्न लक्षणों को ध्यान में रखना जरूरी है| ठंड लगना, कंपकपी, सिरदर्द, उल्टी एवं चक्कर आना, तेज बुखार एवं अत्यधिक पसीने के साथ बुखार कम होना मलेरिया के लक्षण हैं|  यदि ऐसा प्रतिदिन या एक दिन अथवा निश्चित अंतराल के बाद होता है तो ये मलेरिया के गंभीर लक्षण की ओर इशारा करते हैं| ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीज को ले जाकर जांच करवाने की आवश्यकता होती है| लक्षणों की लापरवाही और इलाज में देरी से रोगी के मृत्यु की भी संभावना होती है|


मलेरिया से सुरक्षित रहने के करें उपाय: 

मलेरिया व मच्छर जनित अन्य रोगों से बचाव के लिए घरों में पानी का जमाव नहीं होने दें| छत, कूलर, गमला व ऐसे किसी हिस्से में जलजमाव नहीं होने दें| ऐसी जगहों पर मच्छर के लार्वा पनपते हैं| घर के नाली व ऐसे किसी हिस्से की नियमित सफाई करें| उसमें किरासन तेल अथवा मच्छरों के मारने वाले रसायनों का छिड़काव करें| सोते समय मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें| खिड़की और दरवाजों पर जाल लगवायें| विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मलेरिया का जोखिम पांच साल के छोटे बच्चों को बहुत अधिक होता है| वर्ष 2019 में विश्वे में मलेरिया से हुए कुल मृत्यु का 67 फीसदी बच्चे थे| छोटे बच्चों को हल्के व पूरे आस्तीन वाले कपड़े पहनायें| गर्भवती महिलाएं व छोटे बच्चों को मच्छरों से बचाने के हरसंभव उपाय अपनायें|


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