अग्रसर न्यूज:
सारण तटबंध के पूर्वी क्षेत्रों में स्थित मौजूद सगुनी, अरदेवा, जिमदहा, फरीदनपुर, राजवाड़ा, शामपुर, बनिया हसनपुर, चंचलिया, व अन्य गांवों से पानी घटना अभी शुरू ही हुआ था कि फिर से वाल्मीकि नगर बराज से लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। जिससे जलस्तर में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
सारण । प्रखंड के सारण तटबंध के पूर्वी क्षेत्रों में स्थित सगुनी, अरदेवा, जिमदाहा, फरीदनपुर, रजवाड़ा, शामपुर, बनिया हसनपुर, चंचलिया व अन्य गांवों से पानी घटना अभी शुरू ही हुआ था कि पुन: वाल्मीकि नगर बराज से लगभग 03 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। जिससे जलस्तर में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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जिसका असर एक से दो दिन बाद दिखेगा। गंडक नदी के तटीय इलाकों के ग्रामीण 03 जुलाई से अब तक बाढ़ जैसे हालात में अपनी जिदगी जी रहे है। जहां उनकी परेशानी अब भी खत्म नही हुई थी । सगुनी गांव के नीरज कुमार सिंह, चुन्नू सिंह, विनोद सिंह, ने बताया कि गंडक नदी के जलस्तर में कमी होने से इन इलाकों में पानी में कमी हो ही रही थी। फिर वाल्मीकि नगर बराज से पानी छोड़ा गया है। जिससे लोगो की परेशानी कम नहीं हो रही। माधोपुर बड़ा गांव के मलाह टोला के लगभग 50 घर हैं, जो चारों तरफ से पानी से घिरे हुए है। आने जाने के लिए नाव का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानवरो के चारा का बहुत ही अभाव है। जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। प्रशासन ने अब तक कोई पहल नहीं की है। वही कई ग्रामीण सड़कें, जो सारण तटबंध से होकर गांवों तक जाती है, वह जगह-जगह टूट गई है। यहां से पानी का बहाव जारी है। जिससे आवागमन ठप है। सारण तटबंध व गंडक नदी के तटवर्ती इलाकों के बीच स्थित गांवों को गंडक नदी के उफान से प्रतिवर्ष प्रभावित होना पड़ता है। जहां फसल बर्बाद होने के साथ लोगों के विभिन्न परेशानियों से गुजरना पड़ता है। सरकार अभी तक इसके लिए कोई ठोस कदम नही उठायी है।
पानापुर के दियारा इलाके के लोगों को सताने लगा अब तीसरी बार विस्थापित होने का भय
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पानापुर/तरैया : गंडक नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद एक बार फिर जलस्तर बढ़ने लगा है। नेपाल द्वारा गुरुवार को वाल्मीकि नगर बराज से 2.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी का जलस्तर शुक्रवार को फिर बढ़ने लगा । जिससे सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगो पर तीसरी बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
मालूम हो कि गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर ,सोनवर्षा ,बसहिया,उभवा सारंगपुर ,रामपुररुद्र 161 गांव के सैकड़ो परिवार एक माह के अंदर दो दो बार विस्थापन की जिदगी गुजार चुके है। जलस्तर में कमी के बाद वे अपने घरों को लौट साफ सफाई में जुटे ही थे कि एक बार फिर गंडक के बढ़ते जलस्तर ने उनकी पेशानी बढ़ा दी है। गंडक नदी के जलस्तर में बार बार हो रहे उतार चढ़ाव ने तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगो का जीवन नारकीय बना दिया है।संभावित बाढ़ की आशंका से सहमे ग्रामीण एक बार फिर अपने साजोसामान एवं मवेशियों के साथ विस्थापन की तैयारी में हैं। इस बीच हो रहे कटाव के कारण मुख्य तटबंध दबाव बढ़ते जा रहा है।कटाव रोकने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर कैंप कर कटावरोधी कार्य कराने में जुटे हुए है। नदी का जलस्तर फिर बढ़ना शुरू हो गया है, लेकिन लोगो को इससे घबराने की जरूरत नही है। सारण तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है।
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