तरैया, सारण। सरकार द्वारा जैसे ही पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हुई। देश की आत्मा कहे जाने वाले गाँवो के चौपालो में चुनावी मंथन शुरु हो गया है। किसी पंचायत की जनता अपने प्रतिनिधि को बदलने की सोच रहे हैं तो कोई युवा इस बार अपना ताल ठोकने को कमर कस रहा है।
परंतु आज भी गाँवो मे समस्याओ का अंबार खडा़ है। कही नल जल खराब है, तो कही टंकी बनी ही नही। तो कही़ आवास, मनरेगा, वृद्धा पेंशन, तो कही सड़क, स्वास्थ्य की समस्या है। वहीं वर्तमान मुखिया, पंचायत समिति, जिला पार्षद, वार्ड सदस्य, पंच व सरपंच व उनके समर्थक अपने बीते कार्यकाल की प्रसंशा करते नहीं चूक रहे और जीत का दावा कर रहे हैं। इस बार चुनाव ईवीएम व बैलेट पेपर दोनो से कराए जाने की घोषणा से ग्रामीण व उम्मीदवार दोनों सकते में हैं। उम्मीदवारों को चिंता सताने लगी है कि गांव देहात के लोग एक साथ चार चार ईवीएम में कैसे वोट करेंगे। प्रथम बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कितना प्रभावशाली होगा यह देखने वाली बात होगी। हालांकि चुनाव में ताल ठोक रहे सम्भावित उम्मीदवार जोर शोर से अपनी उपस्थिति चौपालों के माध्यम से दर्ज कराने में जुट गए हैं।
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