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इस वर्ष आठ दिन का होगा शारदीय नवरात्र


 

● नवरात्रि में मां की आराधना करने से मिलता है विशेष पुण्य व लाभ- आचार्य मन पूजन त्रिवेदी

 News24Bihar:

तरैया, सारण

                इस वर्ष शारदीय नवरात्र 8 दिनों का होगा। षष्ठी तिथि क्षय के कारण इस बार ऐसा हुआ है। इस वर्ष 7 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार से शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ हो रहा है जो 14 अक्टूबर को समाप्त होगा। नवरात्रि के इन पवित्र दिनों में मां की आराधना और पूजा करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है। इस बार तिथि तो नौ ही रहेगी लेकिन दिन आठ रहेंगे। मतलब यह कि नवरात्रि 8 दिनों की ही होगी। क्योंकि इस बार पंचमी और षष्ठी तिथि एक ही दिन है। अर्थात 7 अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ होगी और 15 को दशहरा के साथ नवरात्रि का समापन हो जाएगा। आचार्य त्रिवेदी के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि चित्रा नक्षत्र व वैघृति योग में शुरू हो रही है। चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग के चलते घटस्थापना ब्रह्ममुहूर्त अथवा अभिजीत मुहूर्त में ही शुभ रहेगी। अतः शुभ मुहूर्त में ही अपनी कुल परम्परानुसार घटस्थापना करें।

विशेष कामना के लिए कलश स्थापना का शुभ इस प्रकार है।

दिनांक : 07 अक्टूबर 2021

अभिजीत मुहूर्त सबसे उत्तम मुहूर्त -11:36 से 12:24 प्रातः शुभ चौघड़िया

06:20:35 से 07:49:05 लाभ चौघड़िया 10:47 से 12:16 बजे

दोपहर लाभ - अमृत चौघड़िया -12:51:33 बजे से 03:15:32 बजे,

सायं/रात्रि चौघड़िया

शुभ - अमृत चौघड़िया 04:40:01बजे से 07:40:01 बजे तक, 

बिल्वाभिमंत्रण (बेलनवतन) 11 अक्टूबर 2021 षष्ठी सोमवार, पत्रिका प्रवेशनम (प्रातः काल), पट्ट खुलना, नेत्रोंनमिलन, प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा, 12अक्तूबर 2021 सप्तमी मंगलवार, महाअष्टमी व्रत, महानिशा पूजन (रात्रि) में 13 अक्तूबर 2021 बुधवार, 

नवमी (हवन, कन्या पूजन) 14 अक्तूबर 2021 गुरुवार, दशमी (दशहरा)- मूर्ति विसर्जन, शमी पूजन, पट्टाभिषेक, अपराजिता पूजन, जयन्ती ग्रहणम, नीलकंठ दर्शनम, ब्राह्मण भोजन के बाद पारण 15अक्तूबर 2021 शुक्रवार


● दिन के अनुसार माता को भोग -

रविवार - खीर, सोमवार-दुध, मंगलवार-केला, बुधवार- मखन, गुरूवार- शक्कर, शुक्रवार- मिश्री, शनिवार- गोघृत 


● तिथी के अनुसार माता को भोग- प्रतिपदा तिथि को माता को घी का भोग लगाएं।

द्वितीया को शक्कर से, 

तृतीया को गाय के दूध से, 

चतुर्थी को माल पूआ से, 

पंचमी को केला से, 

षष्ठी तिथि को माता को शहद से, सप्तमी तिथि को गुड़ से, अष्टमी को नारियल से,

नवमी को लावा से,

दशमी को तिल से।

आचार्य पूजन त्रिवेदी ने कहा कि नवरात्रि के दौरान विधान से पूजा अर्चना करने पर माता रानी अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त नौ दिनों का उपवास भी रखते हैं।

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