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हाईकोर्ट के आदेश पर तरैया प्रखंड प्रमुख पर लगे अविश्वास प्रस्ताव पर पुनः हुई चर्चा

 

तरैया प्रखंड प्रमुख प्रीति कुमारी अपनी कुर्सी बचाने में रही असफल


तरैया, (सारण)। तरैया प्रखंड प्रमुख प्रीति कुमारी पर गतदिनों आठ पंचायत समिति सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लगाया था। आरोप था कि प्रखंड प्रमुख के दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान अधिकांश पंचायत समिति सदस्य उनके कार्य से संतुष्ट नहीं हैं। मुख्य रूप से अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पंचायत समिति सदस्यों की समय पर बैठक नहीं बुलाना, पंचायत समिति सदस्यों के बीच आपसी विद्वेष पैदा कर अपने राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति करना, विकास निधि का विभिन्न प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र में असमानुपातिक वितरण करना, पंचायत समिति के कार्यवाही पुस्तिका में अपनी इच्छा अनुसार प्रस्ताव अंकित करना, तथा प्रखंड कार्यालय में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने एवं जनहित के कार्यों की उपेक्षा करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए आठ पंचायत समिति सदस्यों ने संयुक्तरूप से हस्ताक्षरयुक्त एक आवेदन पत्र तरैया बीडीओं कृष्ण कुमार सिंह को सौंपा था और विशेष बैठक बुलाने की मांग की थी। जिसको लेकर विगत 9 जनवरी को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलाई गई थी। लेकिन बैठक में कुल 18 सदस्यों में से मात्र 9 सदस्य ही सदन में उपस्थित हुए थे। जिस कारण अविश्वास प्रस्ताव को चुनावीय पर्यवेक्षक ने खारिज कर दिया। जिसके बाद प्रमुख प्रीति कुमारी की कुर्सी बरकरार रह गई। 


लेकिन दूसरे खेमे से प्रमुख पद की दावेदारी कर रही बीडीसी सदस्य अनु कुमारी ने अपने पक्ष के उपप्रमुख प्रमिला देवी, बीडीसी सदस्य अनुपमा सिंह, काजल सिंह, अनिता देवी, अरुण कुमार सिंह, चंदा सिंह, माधुरी सिंह, विजय पासवान के साथ सदन की कार्यवाही से नाराजगी व्यक्त करते हुए सदस्यों के साथ धरने पर बैठ गई तथा बीडीसी सदस्य अनु कुमारी और प्रमिला देवी ने सम्बंधित मुद्दों को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर दिया था। जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रमुख के खिलाफ लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए पुनः विशेष बैठक बुलाने का आदेश दिया था। जिसको लेकर कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी तरैया ने शनिवार को प्रखंड सभागार में 9 सदस्यों की उपस्थिति में बैठक कर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की जिस दौरान अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इस प्रकार तरैया प्रखंड प्रमुख प्रीति कुमारी अपनी कुर्सी बचाने में असफल रही। वहीं प्रखंड प्रमुख की कुर्सी जाने के बाद अब प्रमुख पद के लिए चुनाव होना लाजिमी था। इधर चुनावीय पर्यवेक्षक ने प्रमुख पद के चुनाव के लिए 11 फरवरी की तिथि निर्धारित की हैं। चुनाव की तिथि निर्धारित होने के बाद प्रमुख पद की दावेदारी में लगे दोनों पक्ष समिति सदस्यों को अपने-अपने पक्ष में करने के फिराक में जुट गए हैं। अब देखना होगा कि तरैया प्रमुख पद का ताज किसके सिर चढ़ता हैं और आगें की रणनीति क्या होती हैं।

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